115+ Gulzar Shayari in Hindi | गुलज़ार साहब की सदाबहार शायरियां

Gulzar Shayari in Hindi

Namaste shayari premiyo! Kya aap tayyar hain dil ko choo lene ke liye Gulzar Sahab ki kavitayein sunne ke liye? donshayari.in lekar aaya hai 115+ dil se bhari Gulzar Sahab ki shaandaar shayariyan, jinme sama hain pyaar, dard aur zindagi ki gehrai.

Is khaas mausam mein, chaliye saath mein explore karte hain Gulzar ke anmol shabd, jo hamesha ragon mein daudte rehte hain. Toh phir intezaar kis baat ka? Chaliye shuru karte hain!

हम समझदार भी इतने हैं के उनका झूठ पकड़ लेते हैं और उनके दीवाने भी इतने के फिर भी यकीन कर लेते है।

Gulzar Shayari in Hindi

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है।

115+ Gulzar Shayari in Hindi | Sadabahar Shayari in Hindi

मेरी कोई खता तो साबित कर जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने चल मैं बेवफा ही सही तू अपनी वफ़ा साबित कर।

आदतन तुम ने कर दिए वादे, आदतन हमने ऐतबार किया। तेरी राहो में बारहा रुक कर, हम ने अपना ही इंतज़ार किया।। अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब, ये गुनाह हमने एक बार किया।।।

मैंने मौत को देखा तो नहीं, पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी। कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं, जीना ही छोड़ देता हैं।।

टूट जाना चाहता हूँ, बिखर जाना चाहता हूँ, में फिर से निखर जाना चाहता हूँ। मानता हूँ मुश्किल हैं, लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ।।

सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की, मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर, कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया।।

किसने रास्ते मे चांद रखा था, मुझको ठोकर लगी कैसे। वक़्त पे पांव कब रखा हमने, ज़िंदगी मुंह के बल गिरी कैसे।। आंख तो भर आयी थी पानी से, तेरी तस्वीर जल गयी कैसे।।।

दर्द हल्का है साँस भारी है, जिए जाने की रस्म जारी है।

उधड़ी सी किसी फिल्म का एक सीन थी बारिश, इस बार मिली मुझसे तो गमगीन थी बारिश। कुछ लोगों ने रंग लूट लिए शहर में इस के, जंगल से जो निकली थी वो रंगीन थी बारिश।।

देर से गूंजते हैं सन्नाटे, जैसे हम को पुकारता है कोई। हवा गुज़र गयी पत्ते थे कुछ हिले भी नहीं, वो मेरे शहर में आये भी और मिले भी नहीं।।

Gulzar Quotes in Hindi

बीच आसमां में था बात करते- करते ही, चांद इस तरह बुझा जैसे फूंक से दिया, देखो तुम इतनी लम्बी सांस मत लिया करो।।

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी, हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते.. वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी।

Gulzar Shayari in Hindi

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बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से, यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है!

आप के बाद हर घड़ी हम ने आप के साथ ही गुज़ारी है।

तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन, ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन!

तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ । तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ ।

कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए, भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छिन लेती हैं।

अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते हैं, उन्हें पढना पड़ता हैं।

इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां।

115+ Gulzar Shayari | हिंदी में

115+ Gulzar Shayari हिंदी में

मैं वो क्यों बनु जो तुम्हें चाहिए तुम्हें वो कबूल क्यों नहीं जो मैं हूं।

बहुत छाले हैं उसके पैरों में कमबख्त उसूलों पर चला होगा।

सुनो… जब कभी देख लुं तुमको तो मुझे महसूस होता है कि दुनिया खूबसूरत है।

मैं दिया हूँ मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।

बहुत अंदर तक जला देती हैं, वो शिकायते जो बया नहीं होती।

एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं।

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी, जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।

घर में अपनों से उतना ही रूठो कि आपकी बात और दूसरों की इज्जत, दोनों बरक़रार रह सके।

लोग कहते है की खुश रहो मगर मजाल है की रहने दे।

गुलजार शायरी हिन्दी | सदाबहार शायरी इन हिंदी

देर से गूंजते हैं सन्नाटे, जैसे हमको पुकारता है कोई. कल का हर वाक़िया था तुम्हारा, आज की दास्ताँ है हमारी ।

गुलज़ार साहब की सदाबहार शायरियां

मिलता तो बहुत कुछ है ज़िन्दगी में बस हम गिनती उन्ही की करते है जो हासिल न हो सका।

सहम सी गयी है ख्वाइशें ज़रूरतों ने शायद उन से ऊँची आवाज़ में बात की होगी।

गुलाम थे तो हम सब हिंदुस्तानी थे आज़ादी ने हमें हिन्दू मुसलमान बना दिया।

गए थे सोचकर की बात बचपन की होगी मगर दोस्त मुझे अपनी तरक्की सुनाने लगे।

दिल के रिश्ते ‍‍‍ हमेशा किस्मत से ही बनते है, वरना मुलाकात तो रोज हजारों 1000 से होती है।

वह जो सूरत पर सबकी हंसते है, उनको तोहफे में एक आईना दीजिए ।

बहुत मुश्किल से करता हूं तेरी यादों का कारोबार मुनाफा कम है पर गुज़ारा हो ही जाता है।

यूं तो ऐ जिंदगी तेरे सफर से शिकायते बहुत थी मगर दर्द जब दर्ज करने पहुंचे तो कतारें बहुत थी।

115+ गुलज़ार साहब की सदाबहार शायरियां

खुद की कीमत गिर जाती है किसी को कीमती बनाने की चाह में!

115+ गुलज़ार साहब की सदाबहार शायरियां

कौन कहता है हम झूठ नहीं बोलते एक बार खैरियत पूछ कर तो देखो।

जिंदगी ये तेरी खरोंचे है मुझ पर या फिर तू मुझे तराशने की कोशिश में है।

तस्वीरें लेना भी जरूरी है जिंदगी में साहब आईने गुजरा हुआ वक्त नहीं बताया करते ।

एक ना एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंजिल.. ठोकरें ज़हर तो नहीं जो खा कर मर जाऊंगा।

खुदकुशी हराम है साहब, मेरी मानो तो इश्क़ कर लो।

सलीका अदब का तो बरकरार रखिए जनाब, रंजिशे अपनी जगह है सलाम अपनी जगह।।

इतने बेवफा नहीं है की तुम्हें भूल जाएंगे, अक्सर चुप रहने वाले प्यार बहुत करते हैं।।

तुम्हारा साथ तसल्ली से चाहिए मुझे , जन्मों की थकान लम्हों में कहाँ उतरती है।।

115+ गुलज़ार साहब की सदाबहार शायरियां in Hindi

115+ गुलज़ार साहब की सदाबहार शायरियां in Hindi

मुहब्बत लिबास नहीं जो हर रोज बदल जाए मोहब्बत कफन है जो पहन कर उतारा नहीं जाता।।

इतनी सी ज़िन्दगी है पर ख्वाब बहुत है जुर्म तो पता नहीं साहब पर इल्जाम बहुत है।।

नहीं करता मैं तेरी ज़िक्र किसी तीसरे से तेरे बारे में बात सिर्फ़ ख़ुदा से होती है ।।

जो चाहे हो जाए वह दर्द कैसा और जो दर्द को महसूस ना कर सके वो हमदर्द कैसा।

उसने एक ही बार कहा दोस्त हूं फिर मैंने कभी नहीं कहा व्यस्त हूं।।

शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है। दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है।

कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़, किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।

बेहिसाब हसरते ना पालिये, जो मिला हैं उसे सम्भालिये।

रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो, दिन की चादर अभी उतारी है।

गुलज़ार साहब की सदाबहार शायरियां हिंदी में

गुलज़ार साहब की सदाबहार शायरियां हिंदी में

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं तेरे बिना पर ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।

उम्र जाया कर दी लोगो ने औरों में नुक्स निकालते निकालते इतना खुद को तराशा होता तो फरिश्ते बन जाते।

मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता, हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है।

बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला, जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं।

मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो? नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।

उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और, ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे।

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी, जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।

एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है, मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की।

115+ गुलज़ार साहब की सदाबहार शायरियां हिंदी में

115+ गुलज़ार साहब की सदाबहार शायरियां हिंदी में

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तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।

कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था, आज की दास्ताँ हमारी है।

एक सो सोलह चाँद की रातें , एक तुम्हारे कंधे का तिल। गीली मेहँदी की खुश्बू झूठ मूठ के वादे, सब याद करादो, सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।।

लकीरें हैं तो रहने दो, किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खींच दी थी, उन्ही को अब बनाओ पाला, और आओ कबड्डी खेलते हैं।।

एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा, ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा।

ज़रा ये धुप ढल जाए ,तो हाल पूछेंगे , यहाँ कुछ साये , खुद को खुदा बताते हैं।

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं, रात भी आयी थी और चाँद भी था , हाँ मगर नींद नहीं।

सेहमा सेहमा डरा सा रहता है जाने क्यों जी भरा सा रहता है।

चांदी उगने लगी है बालों में , के उम्र तुम पर हसीन लगती है !

115+ गुलज़ार Shayari in Hindi

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते।

115+ गुलज़ार Shayari in Hindi

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा, क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।

खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो? एक ख़ामोश-सा जवाब तो है।

और खामोश हो जाऊं माना कि मौसम भी बदलते हैं मगर धीरे-धीरे तेरे बदलने की रफ्तार से हवाएं भी हैरान है।

ज़िन्दगी सूखी हुई नहीं बस थोड़ी सी प्यासी है, इसमें रस लाना है तो दरियादिल बन कर तो देखो।

ज़िन्दगी का हर पल कुछ ऐसा रहे की मर कर भी अमर रहे।

थक कर बहुत सो चुके हो अब हर दिन हँस कर जागना शुरू कर दो।

ज़िन्दगी गुलज़ार है इसलिए यहाँ ग़मों को बांटना बेकार है।

गुलज़ार Shayari in Hindi

गुलज़ार Shayari in Hindi

परायों से जीतने में इतनी ख़ुशी नहीं मिलती जितनी कभी-कभी अपनों से हार कर मिल जाती है।

ज्यादा वो नहीं जीता जो ज्यादा सालों तक ज़िंदा रहता है, बल्कि ज़्यादा वो जीता है जो ख़ुशी से जीता है।

दूर से सबको दूसरों की ज़िन्दगी अच्छी लगती है पर अगर सब नज़दीक से अपनी ज़िन्दगी देखेंगे तो सबको अपनी ज़िन्दगी अच्छी लगने लगेगी।

शायर बनना बहुत आसान हैं, बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।

एक सुकून सा मिलता है तुझे सोचने से भी, फिर कैसे कह दूँ मेरा इश्क़ बेवजह सा है ।।

अजीब सी दुनिया है यह साहब, यहां लोग मिलते कम एक दूसरे में झांकते ज्यादा है।।

जिसे पा नहीं सकते जरूरी नहीं , कि उसे प्यार करना भी छोड़ दिया जाए।।

तेरे बगैर किसी और को देखा नहीं मैंने, सूख गया वो तेरा गुलाब लेकिन फेंका नहीं मैंने।।

पहले लगता था तुम ही दुनिया हो, अब लगता है तुम भी दुनिया हो।।

गुलज़ार Shayari हिंदी में

तो कभी हुआ नहीं, गले भी लगे और छुआ नहीं।।

गुलज़ार Shayari हिंदी में

आंसू बहाने से कोई अपना नहीं होता , जो अपना होता है वो रोने ही कहां देता है।।

एक बार फिर इश्क़ करेंगे हम, अभी सिर्फ भरोसा उठा है जनाजा नहीं।।

मुझे खौफ कहां मौत का, मैं तो जिंदगी से डर गया हूं।।

दुश्मनी में भी दोस्ती का सिला रहने दिया उसके सारे खत जलाये बस पता रहने दिया।

115+ गुलज़ार Shayari हिंदी में | सदाबहार शायरी हिंदी

115+ गुलज़ार Shayari हिंदी में

दोस्ती और मोहब्बत में फर्क सिर्फ इतना है बरसों बाद मिलने पर मोहब्बत नजर चुरा लेती और दोस्ती सीने से लगा लेती है।

मैंने जिंदगी में दोस्त नहीं ढूँढे, मैंने एक दोस्त में जिंदगी ढूँढी है।

दौलत नहीं, शोहरत नहीं, न वाह वाह चाहिए, कैसे हो..? बस दो लफ्ज़ों की परवाह चाहिए !

आज़माना अपनी यारी को पतझड़ में मेरे दोस्त सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है।

Toh kaisa laga aapko Gulzar Sahab ka jadoo? Khoobsurat, na? Lijiye, yeh tha sirf ek chhota sa jhalak unki shaayari ka. Par don’t worry, donshayari.in pe milenge 115+ aur bhi khaas Gulzar Shayari jo hila degi aapke dil ko.

Iss khoobsurat safar ko jaari rakhein aur hamesha yaad rakhein, shabd hi nahin, ek kahani hain! Tab tak, milte hain agli baar. Dhanyavad aur shukriya!

Veer Rathod

Namaste! Mera naam hai Veer Rathod aur main yahaan lekar aaya hoon ek anokha blend, ek fusion of attitude aur shayari. Mera maksad hai aapke dil mein jagah banane ka, aur issi liye main likhta hoon dilon ko chhoo lene wali shayari. Mere shabd sidhe dil tak jaate hain aur wahaan prabhav chhod jaate hain, jaise goliyon ki awaaz. DonShayari.in hai woh platform, jahaan main apne dil ki awaaz ko, apne fearless attitude ko, aur shabd ki shakti ko aap sab ke saath baant sakta saku. Toh, mere pyaare don bhaiyon aur beheno, aap sabko DonShayari.in par swagat hai. Yahaan milenge shayari ke don, attitude ke pujari, aur shabd ke rangbaaz.

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